अगर आप भीड़भाड़ वाली जगह से कोसों दूर किसी रोमांचक सफ़र पर निकलने की सोच रहे हैं तो बिहार में ही आपके लिए एक जगह सबसे बेस्ट साबित होगी. यहां एक तरफ पहाड़ है तो दूसरी तरफ गंडक नदी. वहीं जंगल की हरियाली है तो बाघ,सांभर, चीतल, मोर, बन्दर, खरगोश जैसे कई जानवरों को खुलेआम घूमते देखने का एडवेंचर भी. कुछ ऐसी ही है बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में स्थित वाल्मीकिनगर के टाइगर रिज़र्व क्षेत्र की प्राकृतिक छटा. करीब 900 वर्ग किलोमीटर में फैले वीटीआर यानि वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व के इस पूरे इलाके में प्रकृति की नेमत बरसती है.
बिहार की राजधानी पटना से सिर्फ 350 किलोमीटर दूर इस टाइगर रिजर्व में आप बहुत ही कम बजट में एडवेंचर का पूरा आनंद उठा सकते हैं. टूरिस्टों के लिए यहां जंगल सफारी, रिवर राफ्टिंग, रिवर व्यू टावर और कौलेश्वर झूला समेत रहने के लिए बंबू हट, ट्री हट, इको हट आदि का शानदार इंतजाम भी हैं. बिहार सरकार ने देश-विदेश से आनेवाले पर्यटकों के लिए इको-फ्रेंडली सारी सुविधाएं उपलब्ध करायी है. यहां के मेडिटेशन सेंटर और योग केंद्र में लोग स्वस्थ्य रहने की कला भी सीख सकते हैं. अभी हाल में ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां साईकिल सफारी का भी शुभारंभ किया है. इसके अलावे यहां के घने जंगल में हाथी की सफारी के साथ-साथ जिप्सी, ई-रिक्शा की भी व्यवस्था है.
28 सौ रूपए में लीजिए टाइगर सफारी का मजा
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के साथ मिलकर बिहार राज्य पर्यटन निगम ने इको टूरिज्म पैकेज की शुरुआत की है. सैलानी 15 दिसम्बर से वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व के लिए शुरू हो रहे इस पैकेज का लुत्फ़ उठा सकते हैं. इस पैकेज में वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व आने-जाने, एक रात और दो ठहरने के साथ खाने-पीने की पूरी सुविधा मिलेगी. इसके लिए पर्यटकों को प्रति व्यक्ति 28 सौ रूपए चुकाने होंगे. इस पैकेज का लाभ लोगों को सिर्फ शनिवार को ही मिलेगा, यह सिलसिला अगले साल 2019 के मई महीने तक चलेगा. टिकट की बुकिंग पटना के आर. ब्लॉक स्थित होटल कौटिल्य विहार से होगी. यहीं से सुबह 8 बजे गाड़ियां खुलेगी.
बता दें कि वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व में 80 से भी ज्यादा लोगों के बंबू कॉटेज, ट्री कॉटेज, वाल्मीकि विहार आदि में पर्यटकों के रुकने और खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था है. वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व घूमने के दौरान लोग जंगल सफारी, जंगल ट्रैकिंग और साइकिलिंग करने का आनंद उठा सकते हैं. गंडक नदी में बोटिंग और कौलेश्वर झूला से केनोपी वॉक का मजा ले सकते हैं. इसके साथ-साथ वहां के स्थानीय थारू-उरांव जनजाति के सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी शामिल होने का मौका मिलेगा.
Very nice article! Thanks for sharing this information with us.
I just arrived here while searching the net for something and just landed here causally. But after reading a few lines and seeing picture of Bihar Chief-Minister Sri Nitish Kumar I found it a good piece of information. I also noticed you are running a good blog in Hindi. Nice work.