अगर आप अभी हाल-फ़िलहाल में नेपाल घूमने जाने वाले हैं तो अच्छा रहेगा इस प्लान को कुछ दिनों के लिए ड्रॉप कर दें. अरे…अरे… बुरा मत मानिये, क्योंकि ये हम आपके भले के लिए ही कह रहे हैं. कहीं ऐसा न हो कि आप बहुत ही उत्साह में नेपाल घूमने पहुंचे और वहां बिना काठमांडू शहर घूमे, बिना पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन किए आप जेल भेज दिए जाएं. हम बिलकुल नहीं चाहते कि नेपाल में आप किसी मुसीबत में पड़े और सफ़र का सारा मजा किरकिरा हो जाए.
दरअसल, नेपाल ट्रिप को अभी रोकने इसलिए कहा जा रहा है कि वहां नेपाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए इंडियन करेंसी को बैन कर दिया है. जिसके बाद भारत के 200, 500 और 2000 के नए नोटों के इस्तेमाल पर रोक लगा दिया गया है. नेपाल के एक न्यूज़ पेपर काठमांडू पोस्ट की एक खबर के अनुसार, वहां की सरकार ने लोगों से भारत के 200, 500 और 2000 के नोटों का लेनदेन नहीं करने को कहा है. जिसके बाद अब नेपाल में सिर्फ 100 रूपए के ही भारतीय नोट वैलिड होंगे. ऐसे में इस तुगलकी नियम के मुताबिक नेपाल में कोई भी देशी-विदेशी टूरिस्ट अगर दो सौ, पांच सौ और दो हजार रूपए के साथ पाया गया तो उसे गिरफ्तार कर लिया जायेगा और आर्थिक अपराध के तहत मामला दर्ज कर उसे जेल भी भेजा जा सकता है. इसके साथ ही, नेपाल सरकार के प्रवक्ता और संचारमंत्री गोकुल प्रसाद बासकोटा ने बताया कि नेपाल घूमने आने वाले पर्यटकों के पास अगर तीन तोला से ज्यादा सोने के गहने मिलते हैं तो वो भी अवैध माना जायेगा.
मालूम हो कि 8 नवंबर, 2016 को भारत में नरेंद्र मोदी सरकार ने नोटबंदी का एलान किया था, इसमें 5 सौ और एक हजार के पुराने नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. गोकुल प्रसाद बासकोटा ने बताया कि भारत में नोटबंदी होने के बाद यहां नेपाल में अब भी बड़ी संख्या में 5 सौ और एक हजार के पुराने नोट पड़े हुए है, जिसे भारत द्वारा वापस नहीं लिया जा रहा है. केन्द्रीय बैंक के मुताबिक नेपाल के पास अभी करीब आठ करोड़ रूपए मूल्य के पुराने नोट है, जो भारत में बंद हो चुके हैं. इन नोटों को बदलने के मामले में नेपाल ने भारत को कई बार कहा. जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनकपुर आये थे तो उस वक़्त भी नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने इस मामले को उनके सामने उठाया था. लेकिन शायद भारत सरकार की तरफ से इसे लेकर कोई सकारात्मक पहल नहीं होता देख नेपाल ने अब भारत के नए नोटों को अपने यहां अवैध घोषित कर दिया है.
भारत के इन बड़े नोटों को बैन कर देने से नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र के कारोबारियों और नेपाल घूमने आने वाले पर्यटकों की टेंशन बढ़ गयी है. क्योंकि नेपाल में घूमने की कई जगहें हैं. यहां बागपति नदी के किनारे प्रसिद्ध पशुपतिनाथ का शिव मंदिर है, तो काली गंडकी और त्रिशूली नदियों के संगम पर देवघाट धाम है. यहीं शालिग्राम भगवान की उपासना का स्थल मुक्तिनाथ भी है. फिर नेपाल का सबसे पुराना और प्राचीन मंदिर चांगुनारायण तो काठमांडू से 32 किलोमीटर दूर हिल स्टेशन नागरकोट है. इसके अलावे भी कई और मंदिर और घूमने फिरने के स्थान है. जहां हमेशा पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है. नेपाल सरकार के इस फैसले का इन लोगों पर बड़ा असर पड़ेगा.
एक ओर जहां नेपाल साल 2019 को पर्यटन वर्ष के रूप में मना रहा है, इसके माध्यम से देशी-विदेशी सैलानियों को आकर्षित करने में लगा है, वहीं दूसरी ओर नोटों पर प्रतिबंध से पर्यटन, कारोबार से लेकर और भी बहुत सी चीजों पर सीधा असर पड़ेगा. नेपाल यात्रा के दौरान भी लोगों को अधिकतम सौ या उससे कम मूल्य के नोटों को अपने साथ रखना होगा.