रूबरू कार्यक्रम में आपका बहुत – बहुत स्वागत है. इस श्रृंखला में आपको देश – दुनिया की सैर करने वाले बड़े – बड़े घुमक्कड़ों को नजदीक से जानने का मौका मिलेगा. पेशे से माइनिंग इंजीनियर और पहाड़ों से प्यार करने वाले ब्लॉगर ओम प्रकाश शर्मा के सवालों के सामने आप देखेंगे कैसे यात्राओं के प्रेमी अपना दिल खोल कर रख देते हैं. आपकी जर्नी को आरामदेह और आसान बनाने के लिए यात्राओं से जुड़े अनुभव और उनके ट्रेवल टिप्स काफी काम आएंगे. तो चलिए चलते हैं सवाल – जवाब के इस सफर पर…

ओम प्रकाश शर्मा : ‘रूबरू’ की पहली कड़ी में आपको मिलवाते हैं एक ऐसे घुमक्कड़ से, जो खुद तो जगह-जगह घूमते ही हैं, दूसरों को भी जमकर ट्रेवल करवाते हैं. दुनिया को देखने का इनका जज्बा बहुत काबिलेतारीफ है. दूसरी बात ये कि घुमक्कड़ी से अर्जित ज्ञान को दूसरे साथियों में बांटने में विश्वास करते हैं. तो दोस्तों, स्वागत कीजिए राजस्थान के भीलवाड़ा शहर में लिली हॉलीडेज नाम से ट्रेवल एजेंसी चलाने वाले और हम सबके प्रिय अमर सिंह सोलंकी जी का. आज की इस चर्चा में आपका बहुत – बहुत स्वागत है. सबसे पहले मैं थोड़ा आपके निजी जीवन के बारे में जानना चाहूंगा.

अमर सिंह सोलंकी : साथियों, मैं भीलवाड़ा शहर जो कि टेक्सटाईल सिटी है. वहां से हूं. आप जो पैंट पहनते हैं, उसका अधिकांश कपड़ा यही बनता है. यह राजस्थान राज्य में अजमेर जिला के पास है.

मेरी उम्र 42 साल है. मैंने पत्राचार से MBA किया है. फैमिली में पिताजी, चार भाई, पत्नी और दो लड़के हैं. निजी बसें और बस इंजन रिपेयरिंग का फैमिली बिजनेस पिताजी और भाई संभालते हैं. पत्नी हाउस वाइफ है.

अपने जीवन की शुरुआत में एक साल सॉफ्टवेयर कंपनी, पांच साल सिगरेट, एक साल देसाई बीड़ी, चार साल अडानी एग्रोफ्रेश (फ्रेश फ्रूट्स), पांच साल कॉर्पोरेट बैंकिंग के दौरान भारत में कई जगह सेल्स में काम किया. पांच साल पहले यूरोप ट्रिप पर निकलना था, बॉस ने छुट्टी नहीं दी. तो 8 लाख पैकेज वाली जॉब छोड़ खुद की ट्रेवल एजेंसी खोल ली.

जब छोटा था तब गर्मीं के दिनों में सरिता मैगज़ीन में पर्यटन विशेषांक आते थे. जिसे पढ़ने पड़ोसी के घर भाग जाया करता. उस दौरान घूमने का ऐसा शौक चढ़ा, जो अब तक नहीं उतरा है,

ओम प्रकाश शर्मा : आपके निवास के आसपास की कौन सी जगह आपको पसंद हैं और क्यों ?

अमर सिंह सोलंकी : जयपुर, ये बचपन में मेरे सपनों का शहर हुआ करता था. उन दिनों जयपुर से आगे मैं कुछ सोच ही नहीं पता था. पिताजी बस इंजन मैकेनिक थे तो जीप से अक्सर जयपुर आना-जाना होता था. किसी दिन हमारी छुट्टी रहती तो जयपुर घूमने का हमें भी मौका मिलता. जब तक इंजन ठीक होता, तबतक पिताजी हमें जयपुर शहर घुमाते और राजमंदिर सिनेमा में फिल्म भी दिखाते थे. ये शहर वास्तव में बेहद शानदार है. इसलिए जयपुर से आजतक लगाव है.

ओम प्रकाश शर्मा : भैया, आपके विदेश यात्रा के लेखों से कई सदस्यों में विदेश जाने की चाहत हुई. उनमें से एक मैं भी हूं. आप किन देशों में अब तक घूम चुके हैं?

अमर सिंह सोलंकी : जी, मैंने थाईलैंड, दुबई, मिस्त्र, ओमान, बाली, मलेशिया, वियतनाम, लाओस, कम्बोडिया, सिंगापुर, श्रीलंका इन देशों की यात्रा की है. सुमात्रा को छोड़ पूरा इंडोनेशिया भी घूम रखा हूं.

ओम प्रकाश शर्मा : इंडिया में ट्रेवल करने के अनुभव से विदेश घूमने का अनुभव कितना अलग होता है?

अमर सिंह सोलंकी : अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकल कर घूमना अपने आप में हमेशा ही चुनौतीपूर्ण रहा है. लेकिन, फिर भी विदेशी धरती आपके सामने ज्यादा चुनौतियां पेश करती हैं. यहां की अलग संस्कृति, भाषा, रहन-सहन और खान-पान आपको अपने आप को परखने के ज्यादा मौके देते हैं.

ओम प्रकाश शर्मा : मोबाइल से बात करने के लिए विदेश में अलग सिम लेना पड़ता है या भारतीय सिम से ही काम चल जाता है?

अमर सिंह सोलंकी : बिलकुल, मैं हर देश में अलग सिम कार्ड लेता हूं. आप चाहे तो अपने फोन में रोमिंग भी करा के ले जा सकते हैं. पर ये महंगा होता है. कोशिश करें कि ज्यादा इन्टरनेट डाटा वाला प्लान खरीदें.

ओम प्रकाश शर्मा : विदेश यात्रा में हिंदी भाषा बोल सकते हैं क्या. अगर किसी को Full Fledge इंग्लिश नहीं आती हो तो क्या वो व्यक्ति अकेला विदेश यात्रा पर जा सकता है?

अमर सिंह सोलंकी : भाषा एक बाधा तो है, आप मुश्किल में पड़ सकते हैं. इंग्लिश एक सामान्य भाषा है जिसे बोलने वाले आपको मिल जाते हैं. बाकी आजकल मोबाइल पर कई ट्रांसलेशन एप भी हैं जिनकी मदद से आप अपनी भाषा संबंधी कठिनाई को दूर कर सकते हैं.

ओम प्रकाश शर्मा : इंडिया से नेपाल जैसे बिना पासपोर्ट – वीजा के जा सकते हैं. वैसे ही और किन – किन देशों में जाने के लिए इन डाक्यूमेंट्स की जरुरत नहीं पड़ेगी?

अमर सिंह सोलंकी : जी, नेपाल और भूटान ही ऐसे दो देश हैं. बाकी हर जगह आपको पासपोर्ट चाहिए.

ओम प्रकाश शर्मा : फॉरेन टूर में कम से कम कितना खर्च आता है. ये भी बता दीजिए ताकि सामान्य घुमक्कड़ भी अपना टूर बना सकें.

अमर सिंह सोलंकी : देखिए ये निर्भर करता है आप किस तरीके से यात्रा करना चाहते हैं. अपने आसपास के देश घूमने में एक सामान्य पर्यटक 25 से 30 हजार रुपए खर्च कर देता है. अगर आप सोलो ट्रिप पर हैं तो आपके फ्लाइट टिकट पर भी निर्भर करता है. आप कैसे घूमते हैं, क्या देखते हैं बहुत कुछ इसपर भी निर्भर रहता है. जैसे साईट सीइंग का अपना कॉस्ट है. एंट्री फी आदि से भी बजट में काफी फर्क आता है. आपको बता दें कि मैंने 16 दिन लगातार चार देशों की यात्रा 58 हजार रुपए में की है. सात दिनों के मलेशिया – सिंगापुर ट्रिप में मेरे 28 हजार रुपए खर्च हुए.

ओम प्रकाश शर्मा : विदेश यात्रा के लिए क्या और कैसे पूर्व तैयारी रखनी चाहिए?

अमर सिंह सोलंकी : अपने विदेश भ्रमण के दौरान मैंने जो अनुभव किया उसके अनुसार मैंने एक लिस्ट बनाई है. मुझे विश्वास है ये विदेश घूमने जा रहे पर्यटकों के लिए काफी मददगार सिद्ध होगा.

विदेश यात्रा पर निकलने से पहले खुद को ऐसे करें तैयार

  1. अपने पासपोर्ट की एक्सपायरी डेट चेक कर लें. यात्रा ख़त्म होने की तारीख से 6 महीने आपका पासपोर्ट वैलिड होना चाहिए.

  2. पासपोर्ट में कम से कम दो पेज खाली होने चाहिए.

  3. पासपोर्ट सही सलामत हो. कहीं से कोई पेज कटा – फटा या उसकी सिलाई या लेमिनेशन उखड़ी हुई न हो. वरना, आपकी यात्रा रोकी जा सकती है.

  4. आपके टिकट और पासपोर्ट में लिखे नाम का एक-एक अक्षर एक जैसा होना चाहिए. नाम की स्पेलिंग समेत किसी भी तरह का कोई अंतर मिलने पर एयरलाइन आपको एयरपोर्ट से वापस भेज देगी.

  5. अपना फ्लाइट टिकट सही तरीके से बनवाएं. अगर ट्रांजिट फ्लाइट है तो ये भी देख लें किसी तरह का ट्रांजिट वीसा भी तो नहीं लगेगा.

  6. जिस देश में जा रहे हैं वहां उपयुक्त वीसा है कि नहीं, इसकी जांच भी कर लें. सोशल मीडिया पर दिखने वाली फ्री वीसा के चक्कर में न पड़ें. नियम रोज बदलते हैं इसलिए सही और पूरी जानकारी जाने से पहले ले लें.

  7. इमिग्रेशन वालों से न उलझें. जैसा और जितना पूछा जाए उतना ही सही जवाब दें.

  8. अपने पासपोर्ट, वीसा, टिकट, पहचान पत्र, होटल बुकिंग जैसे यात्रा संबंधी सभी जरुरी कागजों का एक एक्स्ट्रा प्रिंटआउट करा कर अलग फोल्डर में भी जरुर रख लें.

  9. विदेश जाने से पहले अपना ट्रेवल इंश्योरेंस जरुर करा लें. कई बार बीमा के ये हजार-पांच सौ रुपए आपको बहुत बड़े खर्चे से बचा लेते हैं.

  10. आप जिस देश में जा रहे हैं, वहां की भाषा के सामान्य बोलचाल वाले शब्द किसी कागज पर नोट करके रखें. अंग्रेजी हर कोई नहीं जानता इसका ध्यान रखें.

  11. यात्रा के दौरान सावधानी बरतें. अपनी बुद्धि से काम लें. बहुत सस्ती खरीदारी, पर स्त्री गमन आदि के चक्कर में किसी दलाल से बचें. लूटपाट के शिकार होने की पूरी संभावना रहती है.

  12. फॉरेन ट्रिप में अपने पासपोर्ट की सुरक्षा खुद से ज्यादा करें. बाहर निकलते वक़्त उसे होटल में ही सुरक्षित रखें. अपने पास केवल एक फोटोकॉपी रखें.  आपके धन से भी ज्यादा कीमती आपका पासपोर्ट है उसे भूल कर भी इधर – उधर न करें.

  13. अपने साथ घर के बने कुछ स्नैक्स जैसे मठरी, बिस्किट, नमकीन आदि लेकर जाएं. ये जरुरी नहीं कि हर जगह आपके आसपास आपकी पसंद का भोजन उपलब्ध हो.

ओम प्रकाश शर्मा : यात्रा पैकेज में लोग अमूमन महंगे होटल्स में ठहरते हैं. क्या कोई बजट पैकेज भी बनता है जिसमें घूमना मुख्य उदेश्य रहता हो, और भोजन-स्टे के लिए ज्यादा पैसे खर्च न करना पड़े?

अमर सिंह सोलंकी : मैं सामान्य ग्राहकों को उनके हिसाब से ही अपने ग्रुप को ले जाता हूं. बहुत से पहली बार विदेश यात्रा करते हैं. उनके बजट का भी ध्यान रखना होता है, कि कम खर्च में ज्यादा से ज्यादा आनंद मिले. मेरी एजेंसी के आकड़ों के अनुसार 60 फीसदी लोग विदेश में 3 स्टार होटल बुक करवाते हैं. 25 प्रतिशत पर्यटक 4 स्टार होटल और बाकी दस फीसदी 5 स्टार होटल चुनते हैं. स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग के अनुसार सभी के अपने – अपने पसंद होते हैं.

ओम प्रकाश शर्मा : विदेश यात्रा में पहले से होटल बुक करना फायदेमंद होता है या ऑनस्पॉट बुकिंग सस्ती मिलती है?

अमर सिंह सोलंकी : मैं तो यही सलाह दूंगा कि अपने बजट के अनुसार होटल बुक करा कर ही जाएं. क्योंकि आप वहां यात्रा करके पहुंचते हैं तो सफ़र की थकान रहती है. ऐसे में पहले से एक ठिकाना तो निश्चित होता है कि आप वहां पहुंचते ही थोड़ा आराम कर सकें. वहीं, आजकल कई देश वीजा के साथ कन्फर्म होटल बुकिंग भी मांगते हैं.

ओम प्रकाश शर्मा : क्या श्रीलंका में हम भारतीय बिना पैकेज के आम लोगों की तरह सपरिवार घूम सकते हैं?

अमर सिंह सोलंकी : श्रीलंका ही क्यों, आप पूरी दुनिया घूम सकते हैं. लेकिन मेरी एक सलाह है. पहले एक दो ट्रिप किसी ग्रुप या अनुभवी लोगों के साथ जाएं. उसके बाद अकेले जाने की सोचे.

ओम प्रकाश शर्मा : यदि विदेश यात्रा करनी हो तो नेपाल और भूटान छोड़कर सबसे सस्ती यात्रा कौन सी रहेगी?

अमर सिंह सोलंकी : आम भारतीयों को सबसे पहले जो देश घूमने चाहिए वो है मलेशिया, बाली, श्रीलंका और थाईलैंड. काफी लोग दुबई भी जाते हैं. पर नेचुरल वहां कुछ भी नहीं. लेकिन उनकी सिटी प्लानिंग और किए गए निर्माण काफी बेहतरीन हैं. सिंगापुर जाना केवल तभी अच्छा है जब क्रूज करने की इच्छा हो, बाकी सिंगापुर में Wow जैसा कुछ भी नहीं.

अमर सिंह सोलंकी

ओम प्रकाश शर्मा : विदेश यात्रा का आपके पास काफी अनुभव है. पर अगर कोई नया यात्री किसी देश के बारे में जानकारी लेना चाहे तो कैसे-कहां से ले सकता है इंटरनेट या लोनली प्लेनेट आदि गाइड बुक्स से?

अमर सिंह सोलंकी : बेसिक जानकारी के लिए इन्टरनेट की मदद ली जा सकती है. पहले से उस जगह की यात्रा कर चुके लोगों के ब्लॉग पढ़ सकते हैं. ट्रेवल एजेंट की भी सेवा ले सकते हैं. आपको ये जानकार आश्चर्य होगा की मैंने कभी गाइड बुक नहीं पढ़ी. एक बात और कहना चाहता हूं कि अगर आप फॉरेन ट्रिप पर जा रहे हैं तो उस देश के स्कैम के बारे में भी गूगल करें. जिससे आप वहां किसी के धोखे के शिकार न हों. लोग इसी को नहीं देखते बाकी सब जानकारी ले लेते हैं.

ओम प्रकाश शर्मा : सरकारी कर्मचारियों को पासपोर्ट और वीजा बनवाने और विदेश यात्रा पर जाने के लिए क्या विभाग से अतिरिक्त परमिशन लेनी पड़ती है?

अमर सिंह सोलंकी : पासपोर्ट के लिए पहले NoC लेनी पड़ती थी. पर अब केवल Prior Intimation Letter चाहिए अपने सुपीरियर से. आप विदेश यात्रा पर जाते हैं तो सरकार से छुट्टी लेकर बता कर जाना पड़ता है ये कानूनी नियम है.

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ओम प्रकाश शर्मा : किसी भी विदेश यात्रा का बजट कम से कम कैसे रखा जाएं. इसका कुछ उपाय बताइए.

अमर सिंह सोलंकी : सस्ती फ्लाइट टिकट, होटल में रुकना, सार्वजनिक परिवहन में यात्रा, अपने खाने का सामान साथ रखें, क्या देखना है उसमें अपनी प्राथमिकता देखें. साउथ इंडिया के शहरों से आपको मलेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका की टिकटें सस्ती मिल जाती है. जबकि कोलकाता से थाईलैंड और वियतनाम की.

ओम प्रकाश शर्मा : यदि इंदौर से नेपाल, भूटान या थाईलैंड की यात्रा बाइक से करनी हो तो क्या करना होगा. इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस की भी जरुरत पड़ेगी क्या? इसके अलावा क्या डाक्यूमेंट्स चाहिए होंगे और समय – बजट सब बताइए.

अमर सिंह सोलंकी : आप म्यांमार और थाईलैंड की रोड ट्रिप एकसाथ कर सकते हैं. आपके पास वीजा के साथ-साथ गाड़ी के सभी कागजात होने चाहिए. International Driving License भी साथ रखें. रही बात बजट की तो ये एक मुश्किल काम है, क्योंकि आप क्या खाते हैं, किस तरह के होटल में रुकते हैं उसपर निर्भर करता है. फिर अलग-अलग जगहों पर पेट्रोल, टोल टैक्स, एंट्री फी आदि कई तरह के चार्ज भी लगते हैं. भारत के मणिपुर के मोरेह से आप म्यांमार होते हुए थाईलैंड जा सकते हैं.

ओम प्रकाश शर्मा : आपके साथ विदेश यात्रा की चर्चा करते हुए काफी आनंद आया. आपका ह्रदय से आभार और अभिनंदन. जाते-जाते हमारे सभी घुमक्कड़ पाठकों को क्या संदेश देना चाहेंगे?

अमर सिंह सोलंकी : आज से एक साल पहले मैं अभी मलेशिया के सफ़र पर निकल रहा था. क्या तब किसी ने सोचा था कि एक साल बाद ऐसे दिन हम देखेंगे.

इसलिए अपनी योजनाओं को लटकाएं नहीं. जीवन की उलझनें कभी कम नहीं होंगी. बस रूप बदल जाते हैं. आपने जो जिंदगी जी ली है वही आपकी है. कल क्या होगा कोई नहीं जानता. अपने सपने को पूरे करने के लिए साहस करें. जोखिम उठाएं. बीतती उम्र के साथ हमें कई अलग – अलग अनुभव होंगे. इसलिए खूब घूमें और यात्राओं से सीख लें.

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नोट : ये साक्षात्कार देशभर के घुमक्कड़ों के बीच प्रसिद्ध व्हाट्सएप ग्रुप ‘भारत दर्शन’ पर हुआ था. जहां से इसे साभार लिया गया है.

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