बिहार की राजधानी पटना में इन दिनों एक से बढ़कर एक निर्माण कार्य हो रहे, जिसकी चर्चा विदेशों में भी खूब हो रही. हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बिहार म्यूजियम सूबे के लोगों को सौगात में दिया है, जहां का कलेक्शन और डिजाईन लोगों को आकर्षित करता है. वहीं इससे पहले गांधी मैदान में देश की सबसे ऊंची गांधी की मूर्ति स्थापित की गयी थी. फिर बापू सभागार और ज्ञान भवन का निर्माण हुआ जो बेहतरीन इंजीनियरिंग का बेजोड़ उदहारण है. वहीँ अब सभ्यता द्वार के रूप में राजधानी को नया लैंडमार्क मिला है.


गंगा नदी के किनारे स्थित सभ्यता द्वार बिहार की समृद्ध विरासत और गौरव दिलाने वाले महापुरुषों की याद में बनाया गया है. दिल्ली के इंडिया गेट और मुम्बई के गेट वे ऑफ़ इंडिया की तर्ज पर बने इस द्वार का लोकार्पण सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. इस दौरान उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी भी मौजूद रहे. इस अवसर पर CM नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार का इतिहास गौरवशाली रहा है और समृद्ध इतिहास ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह के भवन अन्य जगहों पर भी बनना चाहिए. ऐसे भवनों के निर्माण से देश-दुनिया में चर्चा होती है. वहीं डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि बिस्कोमान भवन के बाद पटना में कोई आइकोनिक बिल्डिंग नहीं बनी थी लेकिन अब  राज्य में भी ऐसे आइकॉन बिल्डिंग का निर्माण होने लगा है. भवन निर्माण होने से विकास का पैमाना दिखता  है.


सभ्यता द्वार की यह है बड़ी खासियत
32 मीटर ऊंचा, 8 मीटर चौड़ा और 12 मीटर लंबे इस सभ्यता द्वार के निर्माण में करीब 5 करोड़ रूपए खर्च हुए है. यह द्वार पटना के गोलघर से 3 मीटर जबकि मुम्बई के गेटवे ऑफ़ इंडिया से भी 6 मीटर ऊंचा है. इसके शीर्ष पर बौद्ध स्तूप की आकृति बनी है, जिसपर चार शेर वाला अशोक स्तंभ है. इसका निर्माण राजस्थान से मंगाए गए रेड एंड वाइट सैंड स्टोन से किया गया है. पूरा परिसर 11.82 एकड़ में फैला है. जहां भवन निर्माण विभाग ने काफी खूबसूरत गार्डन भी बनाया है. जहां पर्यटक खुद की सेल्फी लिए बगैर नहीं रह पाएंगे. शाम ढलते ही यह जगह रंगबिरंगी रोशनी से जगमगा उठता है.
द्वार पर लिखे है महापुरुषों के संदेश
सभ्यता द्वार की दीवारों पर बिहार से जुड़े चार महापुरुषों के संदेश भी लिखी गयी है. एक तरफ भगवान बुद्ध और सम्राट अशोक तो दूसरी ओर महावीर व इंडिका पुस्तक के रचयिता मेगास्थनीज की उक्ति अंकित है.
भगवान बुद्ध: यह नगर आर्यावर्त का सर्वश्रेष्ठ नगर होगा और संपूर्ण आर्यावर्त का नेतृत्व करेगा. परंतु इसे आग,पानी व आतंरिक मतभेद का सदैव भय बना रहेगा.
सम्राट अशोक: दुसरे धर्म का सम्मान करें, क्योंकि इससे अपने ही धर्म की प्रतिष्ठा बढती है. इससे विपरीत आचरण से अपने धर्म का प्रभाव तो घटता ही है, दुसरे धर्म की भी क्षति होती है.
भगवान महावीर: सभी जीवित प्राणियों को सम्मान देना अहिंसा है.
मेगास्थनीज: पाटलिपुत्र का वैभव एवं ऐश्वर्य पर्सियन साम्राज्य के महान शहरों सुसा व इकबताना से कहीं बढ़कर है.


इस रास्ते से पहुंच सकते हैं सभ्यता द्वार 
पटना के गांधी मैदान के पास अशोका कन्वेंशन सेंटर के पीछे यह द्वार स्थित है. यहां जाने के लिए बापू सभागार और ज्ञान भवन के बीच से रास्ता है, जिनसे होकर आप सभ्यता द्वार तक पहुंच सकते हैं. वहीं गंगा में बन रहे मरीन ड्राइव और गंगा से गुजरने वाले जहाजों के यात्री भी इस सुंदर सभ्यता द्वार का दीदार कर सकेंगे.

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here