कभी – कभी अपने शहर में रहते हुए भी वहां की कई दर्शनीय स्थलों पर घूमने का मौका ज्यादा नहीं मिल पाता. एक तो ख़बरों की मजदूरी के कारण समय नहीं मिलता तो वहीं पारिवारिक जिम्मेदारियां भी अक्सर पैरों को घर की दहलीज पर ही रोक देती है. हालांकि, घुमक्कड़ी का शौकीन हूं, इसलिए कभी कभी किस्मत भी मुझ पर मेहरबान हो ही जाती है.
साल 2022 के दिसम्बर महीने के शुरूआत में भी कुछ ऐसा ही हुआ. नागपुर में रहने वाले हमारे मौसा जी और मौसी जी आए हुए थे. शादी और फैमिली फंक्शन अटेंड करने यूं तो वो पटना कई दफा आए थे, लेकिन वक़्त की कमी के कारण पटना दर्शन से वो हमेशा महरूम रहे. ऐसे में इसबार सैर सपाटा के लिए उनके पास वक़्त ही वक़्त था. तो बन गया पटना दर्शन का प्लान. सुबह सुबह हमलोग निकल पड़े सिख धर्म के पांच प्रमुख तख्तों में दूसरा तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब गुरुद्वारा, गुरु गोविंद सिंह की बाल लीलाओं का प्रतीक बाललीला साहिब मैनी संगत गुरुद्वारा, पटना सिटी स्थित छोटी पटनदेवी, अगमकुआं का शीतला मंदिर, पटना के बेली रोड पर स्थित फेमस बिहार संग्रहालय की यात्रा पर…
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हमारा ये सफ़र भी काफी मजेदार रहा. रास्ते भर हमलोगों ने कई विषयों पर चर्चा की. पटना और नागपुर के ट्रैफिक की तुलना करते हुए मैंने मुन्नी आंटी और अरविंद मौसा जी को सड़क किनारे निर्माणाधीन पटना मेट्रो का कार्य दिखाया और उत्साहित होते हुए बताया कि जल्द ही हमलोग बड़े शहरों की तरह मेट्रो के भी मजे लेंगे. तभी मौसा जी ने जानकारी दी कि नागपुर में तो फोर लेयर मेट्रो बन चुका है.
यात्रा के ऐसे ही मजेदार वीडियोज देखिए यहां :
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