राजगीर: गर्मी के इस मौसम में प्रायः लोग राजगीर घूमने से परहेज करते हैं। गर्म जल के कुंड होने से ठंड में यहां ज्यादा भीड़ होती है। हालांकि इन कारणों को छोड़ दे तो अभी आपके पास राजगीर घूमने की एक और बड़ी वजह है। 16 मई से राजगीर का ऐतिहासिक और पौराणिक मलमास मेला शुरू हो गया है। वैदिक मंत्रोच्चार और ध्वजारोहण के साथ मेले का उद्धघाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा की हिन्दू धर्म के लिए मलमास मेला काफी बड़ा महत्व रखता है। मेले में शामिल होना उनके लिए सौभाग्य की बात है।राजगीर आकर उन्हें शांति और सुकून की अनुभूति होती है। यहाँ की पंच पहाड़ियां वसुमती, बाहद्रथपुर, गिरीब्रज, कुशाग्रपुर और अग करोड़ो साल पुरानी है। उन्होंने कहा कि राजगीर के सभी कुंडों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। साथ ही पर्यटन को लेकर कई विकास कार्य किये जा रहे हैं, जिससे राजगीर में घूमने आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है।वहीं सीएम ने राजगीर में बन रहे जू सफारी के साथ साथ यहां के घूमने वाले स्थानों के विकास की भी बात कही।

क्या है मलमास मेला का महत्व

हिन्दू धर्म में मलमास मेले का धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से बड़ा महत्व है। राजगीर में तीन सालों में यह मेला लगता है। वायु पुराण के मुताबिक ब्रह्म कुंड ही वह स्थान है जहां भगवान ब्रह्मा ने मनुष्यों की बुराइयों को अग्नि में जला कर पवित्रता की ओर चलने का आह्वान किया था।

राजगीर में 22 कुंड और 52 धाराएं हैं जिसमे निरंतर गर्म जल का प्रवाह होता है | इसके अलावे सरस्वती नदी और वैतरणी नदी में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है | पुराणों के अनुसार इस कुंड का निर्माण ब्रह्मा जी के द्वारा करवाया गया था उन्होंने इसी स्थल पर महायज्ञ का आयोजन करवाया था।
माना जाता है कि मेले के दौरान यहां 33 कोटि देवी देवता वास करते हैं। वहीं खगोलीय तथ्य के अनुसार सूर्य को एक राशि पार करने में 30.44 दिन लगते है, जो सूर्य का सौर महीना होता है।ऐसे में 12 महीनों के समय जो 365.25 दिनों का होता है,एक सौर वर्ष है। चंद्रमा का महीना 29.53 दिनों का है जिससे चंद्र वर्ष में 35436 दिन ही होते है। यह फर्क 32.5 महीनों के बाद पूरे एक चंद्र मास बराबर हो जाता है। इसे ही पूरा करने के लिए करीब तीसरे साल एक अधिक मास होता है। तेरहवां मास जिसे मलमास कहते है उस अवधि में धार्मिक काम करना वर्जित है। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं।

‘Rajgir Malmas Mela’ App हुआ लांच

मलमास मेला घूमने आने वाले लोगों को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो, इसके लिए हाई टेक व्यवस्था भी की गई है। मुख्यमंत्री ने लोगो की सुविधाओं के लिए राजगीर मलमास मेला नाम से मोबाइल ऐप भी लांच किया। इसके माध्यम से लोग राजगीर के बारे में पूरी जानकारी ले सकेंगे। इसे Google Play Store से डाउनलोड कर मेला से जुड़ी हर छोटी बड़ी गतिविधियों के बारे में जान सकते हैं।
आपको बता दे कि एप में राजगीर का इतिहास, दर्शनीय स्थल, पूजा का समय, पंडों की पूरी लिस्ट सहित पार्किंग, शौचालय, रेस्टोरेंट, हेल्पलाइन आदि सभी जरूरी चीजों की जानकारी दी गयी है।

मेले में मनोरंजन के हैं सारे इंतजाम
मलमास मेला घूमने आने वाले लोगों के लिए यहां मनोरंजन के सारे इंतजाम है। 16 मई से शुरू होकर 13 जून तक चलने वाले इस मेले में सर्कस, झूले, थियेटर और मौत का कुंआ लगाया गया है। बता दें कि इस बार तीन थियेटर लगाए गए हैं, जहां बार बालाओं की डांस देखने के लिए लोगों की खूब भीड़ लग रही है।

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