कोरोना संकट और लॉकडाउन के बाद बिहार के बिक्रमगंज की रहने वालीं  अविका शर्मा  पहली बार 45 लोगों वाले ग्रुप के साथ उत्तराखंड के ऋषिकेश ट्रिप पर निकलीं. पटना से दिल्ली होते हुए ऋषिकेश तक की यात्रा उन्होंने रेल और बस से पूरा किया. म्यूजिकल मस्ती के बीच ट्रेन और बस का सफ़र, पहाड़ों पर चढ़ना, बादलों के नीचे सोना, गंगा की लहरों संग मस्ती, जानकी सेतु पर झूलना… कुछ ऐसी रही उनकी ये ऋषिकेश यात्रा. पढ़िए Patna Delhi Rishikesh Travel Tour का ये यात्रा वृतांत, उनकी ही जुबानी.

कोरोना की वजह से पिछले साल 2020 में हम सबको घर में पूरी तरह कैद रहना पड़ा था, चहारदीवारी के बीच हमारी आजादी मानों कहीं गुम सी हो गई थी. ना कहीं जाना, ना लोगों से मिलना, खुद को कैसे इतना रिजर्व रखना पड़ा ये तो मैं ही जानती हूं. Vestige Marketing Pvt Ltd से जुड़े होने के कारण हमें लोगों से मिलना – जुलना पड़ता है. टारगेट पूरे करने के लिए लोगों को मोटिवेट करना होता है. मार्केटिंग वाले पेशे से जुड़ी होने के कारण हमेशा इधर – उधर उड़ती फिरती रहती थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से साल भर ऐसा लगा जैसे इस चिड़ियां को किसी ने पिंजरे में कैद कर दिया हो. लगा जिंदगी के सारे रंग फीके हो गए, आखिर कब इन सबसे छुटकारा मिलेगा. एक – एक दिन काटना मुश्किल हो रहा था.

इसे भी पढ़ें :

ट्रेवल डायरी: उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन कर लौटीं जर्नलिस्ट नीतू, बता रहीं अपने अनुभव

अगले साल 2021 में भी फिर वही सब. लेकिन शुक्र था कि इस साल पाबंदियां इतनी लंबी नहीं चली. रियायतों के बीच कई छूट मिल गई. इसी बीच हमें भी बाहर टूर पर जाने का एक बड़ा अच्छा मौका मिला. दरअसल, वेस्टीज कंपनी की ओर से टारगेट पूरे करने पर एक कैम्पिंग ट्रिप का आयोजन किया गया था. मैं टीम (मोटिवेशनल स्पीकर) सोनू शर्मा से जुड़ी थी. साल 2021 के मई – जून महीने से ही इसकी प्लानिंग चल रही थी. हालांकि अपना टारगेट पूरा करने पर ही हम इस ट्रिप पर चल सकते थे. इस यात्रा को लेकर उत्साह ऐसा था कि ग्रुप के सभी लोगों ने समय पर अपना टारगेट पूरा कर लिया. इसके बाद हम सभी इस ट्रिप के लिए फाइनली क्वालीफाई हो गए थे. तय हुआ कि हमें ऋषिकेश Rishikesh Tour Blog जाना है. Uttarakhand Tour Blog उत्तराखंड – ऋषिकेश की इस यात्रा को लेकर टीम का हर सदस्य बेहद उत्साहित था और बेसब्री से इस रोमांचकारी ट्रिप पर जाने के दिन का इंतजार कर रहा था.

इसे भी पढ़ें :

उत्तराखंड की घुमक्कड़ी और पहाड़ों की जिंदगी, पढ़िए एक दिलचस्प बातचीत

बाबाधाम से बासुकीनाथ की यात्रा : पूर्ण हुई जहां हमारी अधूरी पूजा

हालांकि, कोरोना संकट के बीच पहली बार यात्रा को लेकर हमलोगों के मन में एक भय भी था. पता नहीं क्या होगा. ट्रिप के बारे में जो भी सुनता वो यही कहता, अरे ! बाहर जा रही हो, देखना कोरोना से संभल कर. ऐसे में कभी – कभी मैं भी डर जाती. पर ट्रिप से पहले टीम ने ये तय किया कि Uttarakhand Tour Blog ऋषिकेश यात्रा पर जाने वाले सभी ग्रुप मेंबर्स को कोरोना वैक्सीन लगवाना जरूरी होगा. टीका तो मैं भी अभी तक नहीं ली थी. इसलिए फटाफट घर के बगल वाले टीकाकरण केंद्र पहुंच कर कोविशील्ड का पहला इंजेक्शन लगवा आई.

इन सब तैयारियों के बीच आखिर वो दिन भी आ गया जब हमें Trip to Uttarakhand उत्तराखंड के सफ़र पर निकलना था.

कुल 45 लोगों का समूह. कोई दिल्ली तो कोई यूपी – बिहार वाला. कोई राजस्थान का रहने वाला तो कई मध्यप्रदेश – छतीसगढ़ के लोग. देश के अलग – अलग राज्यों के लोग हमारी टीम में थे. हालांकि इन सबसे हमारी मुलाकात दिल्ली में होनी थी. मन बेहद उत्साहित था, आखिर हमेशा घरवालों के साथ सैर – सपाटा करने वाली मैं पहली बार अकेले इतनी दूर घुमक्कड़ी पर निकल रही थी. मम्मी – पापा से लेकर नाना – नानी हर कोई घर से निकलते-निकलते नसीहतों की पुड़िया थमाने में लगे थे.

Patna to Delhi Train Tour दस जुलाई की शाम साढ़े पांच बजे पटना जंक्शन से नई दिल्ली के लिए हमारी ट्रेन थी. मगध एक्सप्रेस से हमें पहले दिल्ली पहुंचना था और वहां से आगे ऋषिकेश हमारे सफ़र की आखिरी मंजिल थी. पटना से हम 6 लोगों की टीम एकसाथ जा रही थी, जिसमें मैं (अविका), सुप्रिया, गौरव, अंकित मेहता, शुभम और सेकंड अंकित शामिल थे.

Patna to Rishikesh Tour Blog पटना से उत्तराखंड यात्रा की ये पहली शुरुआत थी. जिसका पहला पड़ाव दिल्ली था. यहीं टीम के सभी 45 सदस्य मिलने वाले थे. जिसके बाद बस से हमारा कारवां ऋषिकेश की ओर जाने वाला था.

Patna to Delhi Train Trip ऋषिकेश जाने से पहले पटना से दिल्ली की ये लंबी यात्रा भी हमारे लिए यादगार बन गई. दरअसल, हुआ यूं कि 6 लोगों के हमारे टीम में सेकंड अंकित का टिकट कन्फर्म नहीं हो पाया था. हम सभी तो अपनी सीटों पर निश्चिंत होकर बैठ गए. लेकिन अंकित अंदर ही अंदर भयभीत था कहीं टिकट चेक करने टीटीई पहुंच गए तो फिर क्या होगा. इस बीच कुछ ही देर में टीटीई सच में सामने प्रकट हो गए. उन्होंने रेलवे के नियम – कानून का हवाला देते हुए कहा कि टिकट तो कन्फर्म ही नहीं है, फिर कैसे ट्रेन में चढ़ गए. आने दो मुगलसराय स्टेशन (नया नाम पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन), वहीँ उतार देंगे. टीटीई की ये चेतावनी सुनकर हम सबके तो होश ही उड़ गए. अभी तो यात्रा की शुरुआत ही हुई थी और ये क्या हो गया. हालांकि मुगलसराय स्टेशन आने में अभी घंटे – दो घंटे की देरी थी. ऐसे में गौरव ने अपने गिटार से ऐसी धुनें निकाली कि टेंशन वाला वो माहौल पूरा संगीतमय हो गया. फिर क्या था उसके गिटार की  म्यूजिक के सामने हमलोग भी खुद को नहीं रोक पाए और इस तरह ट्रेन में ही गाने – बजाने का दौर शुरू हो गया. हम युवाओं की इस म्यूजिकल मस्ती को ट्रेन में हर कोई एंजॉय कर रहा था. गीत – संगीत के बीच कब मुग़लसराय स्टेशन आ गया हमें इसका भी ध्यान नहीं रहा. वो तो सामने खड़े टीटीई पर नजर पड़ी तो एक बार फिर हमारे चेहरे पर चिंता की लकीरें घिर आई. लेकिन तभी टीटीई ने मुस्कुराते हुए हमें थम्स अप किया और बोले बहुत अच्छा, लगे रहो. जिस बात को लेकर हम डर रहे थे, वैसा तो कुछ हुआ ही नहीं. टीटीई के वहां से जाते ही हमलोगों ने काफी रिलैक्स फील किया. अब तो हमारा उत्साह और भी दोगुना हो चुका था.

इसे भी पढ़ें : पटना से गुजरात भाया दिल्ली (यात्रा का पहला पड़ाव)

अक्षरधाम मंदिर सहित अन्य मंदिरों के दर्शन (यात्रा का दूसरा पड़ाव)

ट्रेन की रफ़्तार के साथ समय भी तेजी से आगे बढ़ रहा था. अब रात हो चुकी थी. हमलोग भी काफी थक चुके थे. इसलिए डिनर करके अपनी – अपनी सीटों पर सोने चले गए.

Rishikesh Yatra Blog अगले दिन दोपहर 12 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन उतर गए. यहां से टैक्सी कर पहाड़गंज स्थित अपने होटल पहुंचे. फ्रेश होने के बाद बड़े जोरों की भूख लग गई तो यहीं होटल में ही हमलोगों ने लंच कर लिया. उसके बाद Patna to Delhi Train Tour की थकान कम करने अपने – अपने कमरों में आराम करने चले गए. नींद खुली तो शाम हो चुकी थी. रात दस बजे पूरी टीम की असेंबली थी. ऐसे में अभी हमलोगों के पास कुछ वक़्त और था. तो सोचा होटल की अपने कमरे में बोर होने से अच्छा है कहीं आसपास घूम लिया जाए. फिर क्या था, सभी निकल गए पहाड़गंज लोकल मार्केट घूमने.

पहाड़गंज के बाजारों में टहलने के बाद हमलोगों ने होटल से चेक आउट किया और अपने सामान लेकर आर. के. आश्रम आ गए. यहां पहुंचे तो देखा टीम के कई सदस्य पहले से मौजूद थे, वहीं कई लोगों का आना अभी भी जारी था. कुछ ही देर में हमारी बस यहां आकर लग गयी. जिससे हम सभी दिल्ली से उत्तराखंड यात्रा Delhi to Uttarakhand Bus Tour पर निकलने वाले थे. अपने सामान को एडजस्ट करने के बाद हमलोग भी बस में बैठ गए. रात के तक़रीबन 11 बजे हमारी बस दिल्ली से ऋषिकेश Delhi Rishikesh Bus Tour के लिए खुल चुकी थी.

रात के अँधेरे को चीरते हुए अब हम ऋषिकेश के रास्तों पर आगे बढ़ रहे थे. बता दें कि ऋषिकेश उत्तराखंड में है. राजधानी देहरादून से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस शहर का हरिद्वार के बाद दूसरा स्थान है, जहां मां गंगा पहाड़ों से उतर कर मैदानों में मिलती हैं. यहीं से गंगा अपनी करीब 26 सौ किलोमीटर की यात्रा प्रारंभ करती है.

Trekking in Rishikesh हिमालय की तलहटी में बसा ये शहर ऋषिकेश अध्यात्म और एडवेंचर के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है.

Adventure Sports in Rishikesh चाहे वो रिवर राफ्टिंग हो, बंजी जंपिंग या फिर कैंपिंग, यहां सबकुछ होता है. ऋषिकेश हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल और टिहरी गढ़वाल तीनों ओर से घिरा हुआ है. तभी तो इसे गढ़वाल का प्रवेश द्वार भी कहते हैं. हिमालय में स्थित चारों धाम हो या पहाड़ों की ऊंचाई पर बसा कोई दुर्गम स्थान, अधिकतर जगहों पर ऋषिकेश से होकर ही जाया जा सकता है. Himalaya Trekking हिमालय ट्रेकिंग करने वालों के लिए ऋषिकेश एक बेस कैंप जैसा है.

इसे भी पढ़ें : जिंदगी का ये कैसा सफ़र…

दीघा बीच, मरीन एक्वेरियम, चंदनेश्वर मंदिर और साइंस सेंटर की वो बातें, आप भी जानिए

इधर, बस सफ़र के दौरान हमलोग ग्रुप के सभी सदस्यों से जान पहचान बढ़ा रहे थे. सबका इंट्रोडक्शन सेशन चल रहा था. …मैं बिहार से, आप कहां से हो ? अरे ! आप राजस्थान से, वहां की पत्थरें तो काफी फेमस है ना ? आपस में कुछ ऐसी ही बातचीत और अपने – अपने संपर्क का दायरा बढ़ाते हुए हमारी यात्रा अपनी मंजिल की ओर बढ़ रही थी…

नोट : पटना  से दिल्ली होते हुए ऋषिकेश का ये सफर अभी जारी है. इसका अगला और अंतिम भाग जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा. धन्यवाद. 

तब तक आप इन यात्राओं की कहानियां पढ़ने का आनंद ले सकते हैं :

बनारस भ्रमण भाग-2 रामनगर किला, बीएचयू और अस्सी घाट

अगमकुआं शीतला मंदिर का याद रहेगा वो दर्शन, जब पूजा करते-करते हो गया अंदर ‘बंद’

सिक्किम की सैर

वलसाड़: समुंद्री किनारे,मंदिर,किले और अल्फांसों आम का शहर

पहाड़ों की गोद में बसा शहर राउरकेला

1 COMMENT

  1. ऋषिकेश यात्रा का ये ब्लॉग पढ़ कर बहुत मजा आया, इसके अगले भाग का भी इंतजार है, कब आएगा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here