अजीब सी अनुभूति होती है यह सोच कर कि कल तक हम खुद बच्चे थे, आज हमारे खुद के बच्चे होने जा रहे है. पहली बार पापा बनने की वो ख़ुशी छुपाये नहीं छुपती तो मां बनने के ख्याल मात्र से ही मातृत्व प्रेम जागने लगता है. हम कल्पनाओं के पंख लगा कर उड़ने लगते है भविष्य के नील गगन में, जहां कोई अपनी छोटी छोटी उंगलियों से हमें छूने की कोशिश करता है. अपनी तोतली आवाज़ में मां कहने भर की देरी होती है कि हम भर भर हाथों से उसकी बलैयां लेने लगते है. लेकिन इसके साथ ही जब घर के बजट पर अतिरिक्त दबाव पड़ने लगता है तो हम यथार्थ के धरातल पर लौट आते है. बिना किसी पूर्व प्लान के फैमिली प्लान करना हम पर भारी पड़ता है. ऐसे तनाव से ही बचने और अपने होने वाले बच्चों के सुखद भविष्य के लिए अपने व्यस्त दिनचर्या से कुछ दिन बेबीमून के लिए निकालते है और घर से निकल पड़ते है अपने बच्चे और उसके परवरिश की चिंताओं का हल ढूंढने.

एक वो दौर था जब लोग शादी के बाद हनीमून मनाने जाते थे, और उस एक ट्रिप के बाद अपनी पूरी जिंदगी गृहस्थी की गाड़ी खींचने में लगा देते. बाद में कभी छुट्टियां मनाने और घुमने फिरने का मौका मिलता भी तो बच्चे साथ रहते. ऐसे में इन कपल्स के बीच का रोमांस ख़त्म ही समझिये. वहीँ बिना किसी प्लानिंग के दो से तीन होना भी इनके पुरे फाइनेंसियल प्लानिंग पर असर डालता है. इस से बचने के लिए ही इन दिनों हनीमून के बाद अब कपल्स बेबी मून पर जाना पसंद कर रहे है. आजकल लोगों में इसका ट्रेंड खूब देखा जाने लगा है. बच्चे के जन्म से पहले अपने फेवरेट जगह पर टाइम स्पेंड करना ही बेबी मून कहलाता है. इसमें कपल्स एक-दुसरे के साथ पेरेंट्स बनने से पहले की जिंदगी एंजॉय करते है. साथ ही, अपने होने वाले बच्चे के भविष्य की प्लानिंग करते है और इस नए जिम्मेदारियों के प्रति खुद को भी तैयार करते है.

कब आया चलन में

हमारे लिए ‘बेबीमून’ शब्द भले ही नया हो पर इस शब्द की शुरुआत नब्बे के दशक में ही हो गयी थी. उस दौर में बच्चे के जन्म के बाद पेरेंट्स साथ में जो वक़्त गुजारते थे, उसे ही बेबीमून कहा जाता था. इसके लिए वे काफी गंभीर होते थे और अपने बच्चों के फ्यूचर के लिए कई प्लानिंग करते थे. धीरे – धीरे इसमें भी परिवर्तन होता रहा. वर्ष 2006 के बाद इसका स्वरुप पूरी तरह चेंज हो गया. अब स्थिति बदल गयी है. पहले जहां बच्चे के जन्म होने के बाद माता – पिता इसके लिए वक़्त निकालते थे वहीं, मौजूदा बेबीमून के तहत अब बच्चे के जन्म होने से पहले ही जोड़े छुट्टियां मनाने कही बाहर जा रहे हैं.

मेंटली होते है तैयार

देश में भी इसका चलन खूब तेजी से बढ़ने लगा है. ऐसे वक़्त में कपल्स आपस में एक सुन्दर और अपने मनपसंद ट्रेवल स्पॉट का चुनाव करते है. फिर उन जगहों पर सैर के लिए निकल पड़ते हैं. वहां घुमने के साथ साथ अपने होने वाले बच्चे के लिए कई योजनाएं बनाते है. नाम से लेकर उसके भविष्य तक के बारे में बातें करते है. इस दौरान तेजी से बढ़ते अपने बजट का भी हिसाब लगाते है, ताकि बच्चे के आने के बाद उसके परवरिश में कोई कमी न रहे.

कब निकले सफ़र पर

बेबीमून के लिए सबसे उपर्युक्त समय गर्भधारण के 18 से लेकर 24वें सप्ताह के बीच है. हालांकि आप गर्भावस्था के मिड पीरियड में भी बेबीमून पर जा सकते है. अपने सुविधानुसार भी लोग जाते है. तो कुछ लोगों का मानना है कि बेबीमून पर निकलने के लिए 14 से लेकर 28वें सप्ताह के बीच का समयान्तराल सबसे अच्छा होता है.

बेबीमून के लिए कहां जाएं

बेबीमून पर जाने से पहले डेस्टिनेशन तय कर लें. इसके लिए आपसी सहमती जरुर होनी चाहिए. किसी ऐसे रिसोर्ट या होटल में जाये जहां से आप प्रकृति का नजारा आसानी से ले सके. इसके लिए किसी हिल स्टेशन या पहाड़ी जगहों पर जा सकते हैं. अगर सी बीच पर मजा लेना हो तो गोवा की ओर भी रुख कर सकते है. देश में ही कश्मीर, उतराखंड, नैनीताल, शिमला, कर्नाटक आदि कई अच्छे लोकेशन है जहां आपदोनों अपनी जिंदगी के सबसे हसीन पलों को जी भर के जी पायेंगे. इसके साथ मां बनने के उस अव्यक्त सुख को और भी ज्यादा करीब से महसूस कर पाएंगी.

रखें जरुरी बातों का ख्याल

बेबीमून पर जाने से पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना जरुरी है. मसलन, यह ख्याल रखे कि जिस एयरलाइन से आप जा रहे हैं, उसमें डिलीवरी के कुछ सप्ताह पहले फ्लाइंग प्रतिबंधित न हो. ऐसे कई एयरलाइन्स है जो डिलीवरी के कुछ दिनों पहले फ्लाइंग करने नहीं देते. टिकट कन्फर्म करने से पहले इसकी इन्क्वायरी जरुर कर लें.

  1. ऐसी जगह सिलेक्ट करें जहाँ आने जाने में कोई परेशानी न आये.
  2. बेबीमून के लिए फ्लाइंग करते वक़्त प्रेग्नेंट महिला अपनी सीट  बेल्ट हलके बांधे.
  3. सीट बेल्ट पेट के नीचे बांधनी चाहिए.
  4. पेट के बीचो – बीच भूल से भी सीट बेल्ट न लगाये.
  5. अपनी गाड़ी से जा रहे है तो 8 से 10 घंटे का सफ़र न करे.
  6. अपनी जरुरी दवाइयां साथ रखना न भूले.
  7. बेबीमून की प्लानिंग करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ले लें.
  8. जहां आप जा रहे है वहां इमरजेंसी में डॉक्टर की सुविधा मिल जाये, इसका पता पहले लगा लें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here